झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बिजली और कंपनी विभाग की लापरवाही के खिलाफ बुधवार से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई। आंदोलन के पहले चरण में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए राजधानी रांची स्थित बिजली मुख्यालय के समक्ष फेसबुक लाइव के माध्यम से और केईआई की लापरवाही के बारे में जानकारी दी और सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली करंट लगने से राज्य के विभिन्न जिलों में हुई मौत का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस अवधि में जितनी मौत से नहीं हुई होगी, उससे ज्यादा मौत करंट लगने से हुई है।
कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने बिजली बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और करीब सवा घंटे को कार्यालय को बन्द रखा। प्रदर्शन के दौरान बिजली बोर्ड के मुख्य द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।
सिर्फ लॉकडाउन में ही बिजली विभाग की लापरवाही से करंट लगने से 20 लोगों की मौत: प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने अब तक उनके पास उपलब्ध सूची के अनुसार- सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली विभाग की लापरवाही से करंट लगने से 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि सभी जिलों से आंकड़ा प्राप्त हो जाने के बाद यकीनन यह कहा जा सकता है कि राज्य में जितने लोगों की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई होग, उससे अधिक मौत बिजली करंट लगने से हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों से करंट लगने से हुई, मौत का आंकड़ा इकट्ठा किया जा रहा है, अभी सिर्फ दो-तीन जिलों के आंकड़े ही मिल पाए हैं।
‘करंट लगने से मरने वालों के परिवार जब तक नहीं मिलता मुआवजा, आंदोलन रहेगा जारी’
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे पार्टी नेताओं ने बिजली विभाग के लापरवाह पदाधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने, करंट लगने से मरने वाले आमजनों और बिजली विभाग के कर्मचारियों के आश्रितों को मुआवजा दिलाने और विभिन्न दुर्घटनाओं में जख्मी होने वाले लोगों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की मांग की है। पार्टी नेताओं की ओर से कहा गया है कि करंट लगने से चाहे बिजली विभाग के कर्मचारियों की मौत हुई है या आम जन हादसे के शिकार हुए है, पार्टी उन परिवारों के आश्रितों को मुआवजा और सहायता मिलने तक आंदोलन को जारी रखेगी।