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रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस का अंदरूनी कलह अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। दरअसल सरकार और संगठन के प्रति असंतोष को लेकर कुछ दिनों से लगातार मुखर विधायकों की नाराजगी दूर करने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार यहां पहुंचे थे। उन्हें सभी नेताओं और विधायकों से बातचीत करने के लिए चार दिनों तक कैंप करना था, लेकिन बिना विवाद सुलझाए ही उन्हें दिल्ली लौटना पड़ा।
हवा यह फैलाई जा रही है कि भाजपा द्वारा सिंघार को क्ववारंटाइन करने की मांग के राजनीतिक तूल पकडऩे के कारण उन्हें दौरा बीच में रद करना पड़ा, लेकिन अंदरूनी बात कुछ और है। कांग्रेस के भितरखाने यह चर्चा जोरों पर है कि अब पूरा मामला प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश सह प्रभारी उमंग सिंघार के बीच विवाद का रूप ले सकता है। दोनों दिल्ली के नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई के बीच मंत्री बनने की आस लगाए विधायकों की नाराजगी अब भी अपनी जगह जस की तस है।
बताया जाता है उमंग सिंघार द्वारा झारखंड दौरे का कार्यक्रम तय किए जाने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव नाराज थे। उन्होंने इसकी सूचना प्रभारी आरपीएन सिंह को दी। यह भी बताया गया कि तमाम विधायकों को बैठक के लिए रांची तलब किया गया है। इसके बाद विधायकों की बैठक को रद करने की कवायद शुरू हो गई।
इससे पूर्व कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के दफ्तर से सभी विधायकों को बैठक के बाबत सूचित किया गया था। दिल्ली से नाराजगी जताए जाने के बाद बारी-बारी से विधायकों को रांची आने से जहां रोका गया, वहीं उमंग सिंघार के साथ चल रहे नेताओं-विधायकों को भी कहा गया कि वे उनसे दूरी बनाएं। नतीजा यह हुआ कि सिंघार को कार्यक्रम रद कर आनन-फानन में दिल्ली वापस लौटना पड़ा।