झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सांसद निशिकांत दुबे के 10 साल में मैट्रिक पास करने पर उठाए सवाल

रवि सिन्हा, रांची
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के 10 वर्ष की उम्र में मैट्रिक (10वीं) परीक्षा पास करने को लेकर शपथ पत्र में दी गयी जानकारी की गहन जांच कराने को कहा है। साथ ही उनकी लोकसभा सदस्यता की वैधता पर विचार करने का आग्रह किया है।

मुख्य निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में बताया कि गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार से विजयी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने नामांकन पत्र में 2009 में अपनी उम्र 37वर्ष अंकित किया है। इस नामांकन पत्र में शैक्षणिक योग्यता के तौर पर पर उन्होंने यह जानकारी दी कि वे अपनी मैट्रिक की परीक्षा डीपीएम हाईस्कूल करहरिया, बिहार स्कूल इक्जामिनेशन बोर्ड से 1982 में पास की है तथा वे स्नातकोत्तर हैं तथा एमबीए दिल्ली यूनिवर्सिटी से वर्ष 1993 में पास किये है।

सांसद पर लगाए ये आरोप
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2009 में 37वर्ष उम्र वाले निर्वाचित सांसद अपने कथनानुसार 10 वर्ष की आयु में ही मैट्रिक की परीक्षा कर जाते है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली विश्वविद्यालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में यह कहा है कि वर्ष 1993 में निशिकांत दुबे नाम का कोई भी व्यक्ति न वहां दाखिल लिया है और न ही पास आउट हुआ है। इसलिए विगत 2009 से लेकर 2019 तक के तीन लोकसभा चुनाव में उनके नामांकन पत्र की गहन जांच कर उनकी सदस्यता के वैधता पर विचार करने का आग्रह है। उन्होंने बताया कि निशिकांत दुबे द्वारा नामांकन पत्र में दाखिल शपथ के अनुसार 37 साल की उम्र होने के कारण उनका जन्म 1972 में किसी मास या तिथि में हुआ होगा, जिसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए, ताकि 10वर्ष की उम्र में मैट्रिक पास करने वाले गौरवमयी प्रतिभा से देश अवगत हो सके।

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