अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक बार फिर से चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर हमला बोला है। पोम्पियो ने कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे को बिल्कुल वास्तविक बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने पेइचिंग के साथ संबंधों में फिर से संतुलित करने के लिए ‘सही कदम’ उठाने शुरू कर दिए हैं जिससे अमेरिकियों की आजादी की रक्षा हो सके।
पोम्पिओ ने उम्मीद जताई कि चीन यह फैसला लेगा कि व्यापार सौदे के पहले चरण के तहत उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाए। उन्होंने कहा, ‘हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या वे अपने दायित्वों को पूरा करते हैं।’ पोम्पिओ ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य से देखे तो राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने 2015 में चुनाव प्रचार अभियान के समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जिस खतरे की पहचान की थी, वह वास्तविक है। इसलिए हमने इस संबंध को फिर से संतुलित करने के लिए सभी सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि अमेरिकी लोगों की आजादी की रक्षा हो सके।’
उन्होंने कहा, ‘हमने व्यापार संबंधों में गैर पारस्परिक रवैया देखा जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बौद्धिक संपदा की चोरी की और फिर वापस हमें बेच दी, राज्य प्रायोजित उद्योगों को ठगा, उस स्तर तक जाकर साइबर चोरी की जहां तक आज कोई देश पहुंच भी नहीं सकता।’ एक सवाल के जवाब में पोम्पिओ ने कहा कि कम्युनिस्ट सरकार की अहम मौकों पर सच न बताने की प्रवृत्ति रही है। उन्होंने कहा, ‘आज भी वे उन स्थानों तक जाने से रोक रहे है जहां पहुंचा जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सकें कि कोरोना वायरस दुनिया भर में कैसे फैला।’ विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस पहला वायरस नहीं है जो चीन से आया है।