अमेरिका और उसके सहयोगी देशों इजरायल, सऊदी अरब के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान ने जोरदार सैन्य अभ्यास करके पूरी दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है। ईरानी अर्द्धसैनिक बल रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने होर्मुज जलसंधि के पास अपने सैन्य अभ्यास के अंतिम दिन बुधवार को पहली बार जमीन के अंदर से बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। एक दिन पहले ही ईरानी सेना ने नकली अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह करने का अभ्यास किया था। ईरान के इस अभ्यास से पूरे इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर इस व्यापक युद्धाभ्यास की तस्वीरें दिखाई गईं। इन तस्वीरों में रेगिरस्तान के अंदर आग की लपटें देखी गईं। इसके बाद पूरे इलाके में धुएं और धूल का गुबार उठा। बताया जा रहा है कि ईरान की भूमिगत मिसाइलों के फटने की वजह से रेगिस्तान में आग लग गई। रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने दावा किया है कि दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ जब जमीन के अंदर से मिसाइलें दागी गई हैं। ईरान ने दावा किया कि पृथ्वी की गहराई से उन्होंने मिसाइलों को दावा जिसे कोई पकड़ नहीं पाया। ईरान ने दावा किया कि यह बड़ी उपलब्धि है और यह दुश्मन के खुफिया तंत्र के लिए गंभीर चुनौती है।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने बताया कि उसके सुखोई-22 फाइटर जेट ने ईरान के जलसीमा में स्थित बनी फरुर द्वीप समूह पर पहले से ही निर्धारित लक्ष्यों पर बम बरसाकर उसे तबाह कर दिया। इस अभ्यास को ईरान ने ‘पैगंबर मोहम्मद 14वां’ नाम दिया था। मिसाइल परीक्षण और ईरानी जेट के हमले के बाद पास के इलाके में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर सैनिकों को अलर्ट कर दिया गया। अभ्यास के तहत मिसाइलें दागे जाने के मद्देनजर संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी स्थित अल दाफ्रा एयर बेस और कतर में अमेरिकी सेना के केंद्रीय कमान अल-उदेइद एयर बेस को सतर्क कर दिया गया। अल दाफ्रा हवाईअड्डे पर फ्रांस से भारत आ रहे पांच राफेल लड़ाकू विमान कुछ समय के लिए रूके थे।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड द्वारा ड्रोन से लिए गए फुटेज में दिखा कि मध्य ईरान में किसी पठार से छोड़ी गयी दो मिसाइलों के बाद धूल का गुबार उठा। रिवॉल्यूशनरी गार्ड के एयरोस्पेस डिविजन के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह ने बताया कि बुधवार को परीक्षण किया गया। मिसाइलें दागे जाने के बाद पहली बार उन्होंने सरकारी टेलीविजन को इस बारे में बताया। ईरान के सरकारी टीवी की खबर के मुताबिक इसके अलावा ड्रोन ने छद्म विमान वाहक पोत के सेतु को निशाना बनाया। हालांकि मिसाइल दागे जाने या ड्रोन हमले की तस्वीर को तुरंत जारी नहीं किया गया। अभ्यास में शामिल मिसाइलों की पहचान भी नहीं जाहिर की गयी।
विश्लेषकों के मुताबिक ईरान के इस अभ्यास का स्पष्ट मकसद अमेरिका को संदेश देना था। एक अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी ने देर रात अमेरिकी विमान वाहक पोत का फोटोशॉप से तैयार ग्राफिक जारी किया। इस ग्राफिक में पोत को ताबूत के आकार में दिखाया गया और उस पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी का एक संदेश लिखा था जिसमें उन्होंने जनवरी में शीर्ष ईरानी जनरल की हत्या का बदला देने का संकल्प जताया है। पिछले साल से ही ईरान और अमेरिकी सेना के बीच तनाव बढ़ गया और फिर जनवरी में अमेरिका ने ड्रोन हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं जिसमें कुछ जवान घायल हुए।
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बावजूद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कायम है। ईरान के हथियार कार्यक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगायी गयी रोक को अमेरिका एक साल और बढ़ाना चाहता है। यह प्रतिबंध अक्टूबर में खत्म हो रहा है। सीरिया के वायु क्षेत्र में ईरान के एक यात्री विमान का अमेरिकी लड़ाकू विमान द्वारा पीछा करने की हालिया घटना से भी तनाव और बढ़ गया है। ईरानी कमांडो ने मंगलवार को ‘ग्रेट प्रोफेट 14’ अभ्यास किया और इसकी तस्वीरें भी जारी की गईं। इस अभ्यास के तहत विमान रोधी हथियारों से बंदर अब्बास बंदरगाह के पास लक्षित ड्रोन को निशाना बनाया गया। एक कमांडर ने बताया कि गार्ड ने अभ्यास के दौरान बुधवार को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागने की योजना बनायी थी।