Toran Kumar reporter…17.8.2023/✍️

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आज तड़के 3.49 बजे भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई. इस भूकंप में अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. भूकंप का एपिसेंटर जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान (Pakistan) सीमा के पास था. इस भूकंप के झटके पाकिस्तान में भी महसूस किए गए.
इससे पहले बुधवार रात नोएडा (Noida) में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. हालांकि नोएडा में आए भूकंप की तीव्रता सिर्फ 1.5 मापी गई थी. NCS ने जानकारी दी थी कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) में बुधवार रात 8.57 बजे भूकंप के यह झटके महसूस किए गए. नोएडा में आए भूकंप की गहराई मात्र 6 किमी थी.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुबह करीब 3:49 बजे 3.6 तीव्रता का भूकंप आया: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र pic.twitter.com/h6cNtpXCfb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
बता दें कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाके, जिन्हें NCR कहा जाता है, वह भूकंप के लिहाज से काफी सेंसिटिव माने जाते हैं. यही कारण है कि दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके लगते रहते हैं. दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में आती है, इसका मतलब है कि यहां पर 7-8 रिक्टर स्केल तक के भूकंप आ सकते हैं.
रिक्टर स्केल क्या होता है
रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता मापने का एक मापक है. इसे अमेरिकी भूकंपविज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने साल 1935 में तैयार किया था. भूकंप की तीव्रता को सिस्मोग्राफ पर ऊंची-नीची लाइनों के रूप में दिखाया जाता है. हालांकि, आज के आधुनिक युग में भूकंप की तीव्रता मापने के लिए कई आधुनिक यंत्र और टेक्नोलॉजी उपलब्ध हैं, जो हल्की से हल्की भूगर्भीय हलचल को भी बारीकी से पकड़ लेते हैं. इसके बावजूद भूकंप की तीव्रता के बारे में जब भी बात होती है तो रिक्टर स्केल के पैमाने पर ही इसकी गणना को लिखा और समझा जाता है.
भूकंप आए तो क्या करें क्या न करें?
भूकंप के झटके महसूस हो तो तुरंत फर्श पर बैठ जाएं और सिर नीचे की तरफ झुकाकर रखें. अच्छा तो यह होगा किआप किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर की आड़ लेकर अपना बचाव करें.
अगर घर में बुजुर्ग और बच्चे हैं तो उनका खास ध्यान रखें, उन्हें हौसला दें और बचाव के तरीके बताकर उन्हें सबसे पहले सुरक्षित करें.
भूकंप का झटका बहुत तेज है तो सावधानी से अपने घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान या सड़क पर पहुंच जाएं.
अगर घर से निकलने का रास्ता संकरा है और दोनों तरफ घर बने हुए हैं तो बाहर निकलने की बजाए घर में ही रहें.
भूकंप आने पर कांच, खिड़की, पंखा या झूमर आदि जैसी किसी भी भारी और गिरने वाली चीज से दूर रहें.
अगर आप बिस्तर पर लेटे हैं तो तकिये से अपने सिर को ढक लें. बच्चों पर निगरानी रखें.
घर से बाहर निकलकर खुले मैदान या सड़क पर खड़े हों तो इसका जरूर ध्यान रखें कि आसपास बिजली, टेलीफोन के खंभे या बड़े पेड़ न हों.
अगर भूकंप आए और उस समय अगर आप ड्राइविंग कर रहे हैं तो गाड़ी को किसी सुरक्षित स्थान पर रोक लें और कुछ देर गाड़ी में ही बैठे रहें.
हमेशा बहुत तेज भूकंप आने के कुछ घंटों तक आफ्टर शॉक्स आ सकते हैं. इनसे बचने का इंतजाम पहले ही कर लें. आफ्टर शॉक्स आने की कोई तय अवधि नहीं होती है. ऐसी परिस्थितियों में धैर्य रखें और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें.
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