पूरा विश्व एक ओर कोरोना महामारी की मार को झेल रहा है वहीं दूसरी तरफ मिनी रत्न का दर्जा प्राप्त एसईसीएल उपक्रम कोरोना के कहर को कोरोना त्योहार मनाकर कमाई के अवसर में कैसे बदला जाए इस व्यवस्था में लगा हुआ था ,
इसका उदाहरण एसईसीएल हसदेव क्षेत्र में देखने को मिला है जहां कोरोना की महामारी से बचाव के लिए उपयोग में आने वाले स्वास्थ्य संबंधी सामग्री में लाखों रुपए का भ्र्ष्टाचार अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है क्या इस भ्रष्टाचार में शामिल दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी जिससे ये संदेश के रूप में सभी को ज्ञात हो कि महामारी के रूप में संकट के समय में अपने स्वार्थ में भ्र्ष्टाचार को छोड़कर आपदा के समय में देशभक्ति और मानव सेवा करें ।
यहाँ की गयी शिकायत —
कोल इंडिया के एसईसीएल उपक्रम के हसदेव क्षेत्र में कोविड-19 के नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों का भ्रष्टाचार किये जाने के संबंध में मुख्य सतर्कता अधिकारी ,कोयला मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली ,सतर्कता अधिकारी कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता, कार्मिक निदेशक एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर सहित विभिन्न अधिकारियों को इस मामले की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की गयी थी।
यह है मामला स्वास्थ्य सम्बन्धी सामग्री एन-95 मास्क, पीपीई किट, सर्जिकल मास्क थ्री लेयर, सर्जिकल कैप, हाइपोक्लोराइड सैल्यूशन, थर्मल स्कैनर(नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर), एन-95 मास्क विथ रेस्पीरेटर, पीपीई किट (80 जी एस एम) की खरीदी तीन आपूर्ति आदेश के माध्यम से मेसर्स-वर्षा सर्जिकल एण्ड मेडिकल, बी.के.टॉवर बलदेव बाग जबलपुर(म.प्र.) से लगभग 15 लाख रूपये में की गई है।
यहाँ बरती गई कई प्रकार की अनियमितताएं* इन सामग्रियों को क्रय करने में कई प्रकार की अनियमितताएं बरती गई है 1- एन-95 मास्क जो क्रय किया गया है वह अत्यंत ही निम्न स्तर और सस्ते दर का क्रय किया गया है, एन-95 के स्थान पर धूल को रोकने वाला मास्क क्रय किया गया है जो बाजार मूल्य से दोगुने से तीन गुना अधिक मूल्य पर,पीपीई किट बिना ब्रांड और घटिया गुडवत्ता का लिया गया है, क्रय करने के बाद से अब तक संभवत: इस किट का उपयोग नहीं किया गया है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है क्रय किया गया किट कितना घटिया गुडवत्ता का है साथ ही यह किट बाजार मूल्य से दो-तीन गुना अधिक मूल्य पर क्रय किया गया है,सर्जिकल मास्क थ्री लेयर, सर्जिकल कैप, हाइपोक्लोराइड सैल्यूशन, थर्मल स्कैनर(नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर), एन-95 मास्क विथ रेस्पीरेटर, पीपीई किट (80 जीएसएम)यह सब भी बाजार से दुगुने और तिगुने दरो पर खरीदा गया है, हसदेव क्षेत्र से नजदीक छत्तीशगढ़ के बिलासपुर, रायपुर से इन सभी सामग्री को क्रय न करके अपनी सांठ-गांठ के अनुसार खरीदी मेसर्स- वर्षा सर्जिकल एण्ड मेडिकल, बी.के.टॉवर बलदेव बाग जबलपुर(म.प्र.) से क्रय किया गया इतना ही नहीं इन सामानों को लेने के लिए लॉकडाउन की अवधि में प्रशासन से अनुमति लेकर मनेन्द्रगढ़ से जबलपुर तक की यात्रा ए.के.भक्ता, वरीय प्रबंधक स्टोर के द्वारा किया गया है जो सीआई एस एफ मेंअटैच गाड़ी से दवा लेने गएथे लेकिन बाद में इसका भी बिल प्रस्तुत करके हजारों रुपए गबन करने की योजना बनाई ,वापस आने के बाद 14 दिन कोरेन्टीन किया गया था
खरीदी में तात्कालिक अधिकारी
तत्कालिक महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र, वर्तमान पदस्थापना एनसीएल उपक्रम, , प्रमुख चिकित्सा अधिकारी , सीएचएम हसदेव, चीफ मैनेजर, सामग्री क्रय हसदेव क्षेत्र ए.के.भक्ता,वरीय प्रबंधक (स्टोर),हसदेव क्षेत्र
इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत करके उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई थी,इसी कड़ी में अब जांच की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
सतर्कता विभाग ने लिया संज्ञान में एसईसीएल उपक्रम के सतर्कता विभाग के महाप्रबंधक सतर्कता के द्वारा जारी पत्र क्रमांक एसईसीएल/ विजिलेंस/ 08/2020/1766 दिनांक 13/08/2020 के माध्यम से इस पूरे मामले के दस्तावेज मंगाए गए हैं ।
अब देखना ये है क्या होगी कार्यवाही? अब सवाल यह उठता है कि क्या सेवा निर्वित के नजदीक पहुंचे अधिकारी पर कार्यवाही हो पाएगी? या पत्राचार मात्र कागजी खानापूर्ति रह जाएगा ? यहीं पर कोल इंडिया / एसईसीएल का दोहरा मापदंड पूर्व में भी देखा गया है जब कोई छोटा कर्मचारी ,श्रमिक किसी मामले में फंसता है तो उनके विरुद्ध झूठी शिकायतों को भी सत्य मानकर बिजलेंस विभाग और एसईसीएल का प्रबंधन तुरंत उसके खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए फण्ड ,ग्रेजुवटी एवं अन्य मिलने वाली रकम को रोक दिया जाता है और अब एक अधिकारी की बात आती है तो कई प्रकार से मामले को भटकाया जाता है ।