बिहार के 14 जिलों की 39,63,728 आबादी बाढ़ से प्रभावित है और इसमें से 3,16,661 लोगों को अबतक सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है । आपदा प्रबंधन विभाग से बृहस्पतिवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 14 जिलों – सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान एवं मधुबनी – के 108 प्रखंडों के 972 पंचायतों की 3963728 आबादी बाढ से प्रभावित है। यहां से निकाले गए 31,6661 लोगों में से 25,116 व्यक्ति 19 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। दरंभगा जिले की इस तस्वीर से बाढ़ के कहर का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। दरभंगा जिले में सबसे अधिक 14 प्रखंडों के 173 पंचायतों की 13,51,200 लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बागमती नदी सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में… बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और खगड़िया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, गंगा नदी भागलपुर में, अधवारा नदी सीतामढ़ी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा नदी पूर्णिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मुजफ्फरपुर की इन तस्वीरों में लोग बाढ़ के पानी से बचकर सुरक्षित स्थान की तरफ जा रहे हैं।
बिहार के 14 जिलों में बाढ़ की वजह अधवारा समूह नदी, लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोशी, गंगा, कमला बलान, करेह एवं धौंस नदी के जलस्तर का बढ़ना है। जल संसाधन विभाग के मुताबिक पूर्वी चंपारण जिले के चकिया प्रखंड में बैरिया-करोल गांव के नजदीक बूढी गंडक के दायां तटबंध किमी. 16 से कि.मी. 18 के पीछे निर्मित रिटार्यड बांध को कि.मी. 0.9 पर अज्ञात ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है ।
राज्य के दो नए बाढ़ प्रभावित जिलों में मधुबनी भी शामिल है। मधुबनी में सीतामढ़ी और दरभंगा से सटे बसैठ के अलावा कई और इलाकोंं में बाढ़ का पानी फैल रहा है। आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे एक परिवार बाढ़ के पानी में घिर गया है।
बिहार के बाढ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 28 टीमों की तैनाती की गई है। सारण जिले की इन तस्वीरों में बाढ़ पीड़ितों ने घर की छत पर शरण ले रखी है।
सीतामढ़ी जिले में भी बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया है। गांवों में बाढ़ का पानी काफी तेजी से घुसा और अब वहीं डेरा जमा लिया है।बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1001 कम्यूनिटी किचन की व्यवस्था की गयी है जहां अबतक 5,78,272 लोगों ने भोजन किया है।
कोसी नदी में एक माह से अधिक दिनों से कभी पानी अधिक तो कम आना जारी है। जिसके चलते सुपौल में कोसी नदी के किनारे और दियारा क्षेत्र में बसे लोग परेशान हैं। इस साल की ही बात करें तो मरौना प्रखंड के ही खुखनाहा वार्ड नंबर 11 से लेकर 17 व सिसौनी पंचायत के वार्ड नंबर 11 से 15 तक पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। यहां के लोगों को खाने-पीने से रहने तक की समस्या है।
शिवहर नगर के कई मोहल्लों में अभी भी पानी भरा हुआ है जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल बना हुआ है। यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलजमाव से लोग परेशान हैं। अभी भी निचले इलाके में धान की फसल पानी में डूबी हुई है जिससे किसान परेशान हैं। जिले की लाइफ लाइन माने जाने वाली शिवहर-मुजफ्फरपुर रोड और शिवहर -सीतामढ़ी रोड पर अभी भी बाढ़ का पानी है जिससे ट्रैफिक लगभग बंद है।
77280000
77233015
77262608
77260804
77111829
77143491
77161732
77226139