पटना में कोरोना अस्पताल का बिल नहीं चुकाया तो मरीज और परिजनों को कर लिया कैद, डॉक्टर, मैनेजिंग डायरेक्टर पर केस दर्ज

पटना में कोरोना अस्पताल का बिल नहीं चुकाया तो मरीज और परिजनों को कर लिया कैद, डॉक्टर, मैनेजिंग डायरेक्टर पर केस दर्ज

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पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा ​है। यहां कोरोना मरीजो की संख्या अधिक होन के कारण बिहार सरकार ने निजी अस्पताल में इलाज के लिए आदेश दे दिया है। इसी बीच निजी अस्पतान मेें कोरोना इलाज नाम पर मरमानी लगातार जारी है। यहांं निजी अस्पतालो में कोरोना मरीजो से पैसे ऐंठने का कोई कसर नही छोड़ रहे है।
ताजा मामला पटना से जुड़ा है, जहां के कंकड़बाग स्थित जेडीएम हॉस्पिटल में मनमानी फीस वसूलने की घटना सामने आई है. जिला प्रशासन ने मरीजों से जबरन फीस की वसूली करने और परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत मिलने के बाद बड़ी कार्रवाई की है. इसी बीच खबर सामने आई है कि पटना के कंकड़बाग स्थित जेडीएम हॉस्पिटल में मनमानी फीस वसूलने की घटना सामने आई है। जिला प्रशासन ने मरीजों से जबरन फीस की वसूली करने और परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत मिलने के बाद बड़ी कार्रवाई की है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कुमार रवि ने अनुमंडल पदाधिकारी तनय सुल्तानिया को टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया था, जिसमें अस्पताल की भांडाफोड़ हो गई।
बतादे कि अस्पताल प्रशासन ने मरीज के पनिजनो को कच्चा बिल देकर 6,34,200 रुपये का भुगतान करने को कहा था, और जब परिजन द्वारा बिल एंव खर्च की पूरी जानकारी मांगी तो अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज को जोर जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद कर दिया गया था और मरीज एवं उनके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया।
इसके बाद जिलाधिकारी ने कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अस्पताल के विरुद्ध आईपीसी के तहत और महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी के आदेश पर जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला क्रियान्वयन इकाई पटना की लिखित शिकायत के बाद कंकड़बाग थाने में जेडीएम हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341 ,342, 406 ,420, 120 बी ,34 और महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
परिजनों की शिकायत के बाद अनुमंडल पदाधिकारी सदर ने तीन अधिकारियों की टीम गठित की थी, जिसमें सहायक अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला कार्यक्रम समन्वयक पटना एवं थानाध्यक्ष कंकड़बाग की टीम गठित कर त्वरित जांच करने का निर्देश दिया था। इस घटना के बाद जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने और अस्पताल में आइटमवार फीस की सूची जारी करने की सख्त हिदायत दी है। इसके लिए पीपीई किट, आईसीयू, वेंटिलेटर, डायग्नोस्टिक टेस्ट ,रूम फी, बेड फी का उचित मूल्य रखने और मरीजों को पक्का पुर्जा देने का निर्देश भी दिया है।

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