भागलपुर/सारण/ सुपौल/पटना/रोहतासबिहार में कोरोना काल की कहानी बड़ी अजब है। ऐसी अजब कि जंग के बीच में ही दो बार सेनापति बदल दिए गए। पहले सेनापति के बदले जाते ही तस्वीरें बदरंग होती चली गईं और आज भी बदरंग ही हैं। कहीं सिस्टम ठेले पर लदा चला जा रहा है तो कहीं खाट पर तैरता दिख रहा है। विपक्ष कह रहा है कि क्या सरकार के पास सिस्टम चलाने के लिए कुछ IAS ही बच गए हैं। मिसाल के तौर पर नए स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत। पुल निर्माण निगम के बाद उन्हें बिजली विभाग की कमान दी गई। अभी वो विभाग में थे ही कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया। विपक्षी पूछ रहे हैं कि क्या बिहार में बिजली के मामले में रामराज आ गया? खैर. नए साहेब शुक्रवार को उड़नखटोले से भागलपुर पहुंचे। लेकिन अफसरों ने पहले से ही माहौल टाइट कर दिया था। कोशिश यही थी कि जिले का अस्पताल WHO के दफ्तर जैसा दिखने लगे। लेकिन दाग कैसे छूटते। आगे आपको ये भी दिखाएंगे कि हम किन 6 दागों की बात कर रहे हैं। ये वो दाग हैं जो मंगल’राज’ में सूबे के सिस्टम पर लगे हैं।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के नए साहेब प्रत्यय अमृत जब भागलपुर आए तो निरीक्षण के बाद उन्होंने व्यवस्था सुधारने के दावे किए। हम भी चाहते हैं कि व्यवस्था सुधरे… और सिर्फ सुधरे ही नहीं बल्कि कोरोना को मात भी दे। लेकिन सर… ये 6 वीडियो सिर्फ आपके लिए हैं। तस्वीरें और वीडियो तो हमारे पास 6 से कहीं ज्यादा हैं। लेकिन ये 6 वीडियो… जी हां… सिर्फ 6 वीडियो आपको बताएंगे कि आपका विभाग कहीं ठेले पर लदा हुआ है तो कहीं खाट पर तैर रहा है। आपका ये देखना तो बिल्कुल जरूरी है। हो सकता है कि आप ये देखकर कहें कि चुन-चुन कर निकाला है। लेकिन सच्चाई तो ये है कि हमें चुनने की जरुरत ही नहीं पड़ी। आप बनाइए अपने विभाग की बेहतर तस्वीर… हमें भी इसकी उम्मीद है और हम दावा करते हैं कि फिर आपको हम आपकी बनाई तस्वीरें भी दिखाएंगे। लेकिन फिलहाल तो जो सच है वो वही है जो आपको दिख रहा है।
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