नई दिल्ली: मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा लूटे गए हथियार और गोला-बारूद बरामद करने का सिलसिला जारी है. अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त बलों ने बुधवार को आठ अत्याधुनिक हथियार, 112 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं. यही नहीं, सुरक्षा बलों ने म्यांमार से सटे तेंगनौपाल जिले में हमलावरों की ओर से बनाए गए 6 अवैध बंकरों पर भी बुलडोजर चलाया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस बंकरों का इस्तेमाल दूसरे जातीय समूह पर हमले के लिए किया जा रहा था.
रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी
रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के अलग-अलग जिलों में हमलावरों की ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी की भी खबर है. लेकिन, फिलहाल इसमें किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नारकोटिक्स और सीमा मामलों के विंग के कर्मियों ने इंफाल पूर्वी जिले में कुछ दवाएं जब्त कीं हैं साथ ही स्मगलिंग में लगे कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पकड़े गए सभी लोग मणिपुर और असम के रहने वाले हैं.
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
पिछले 3 महीने से जातीय हिंसा की मार झेल रहे मणिपुर में मैतेई समुदाय ने आदिवासी दर्जे की मांग की थी. इसके खिलाफ कुकी समुदाय ने 3 मई को रैली निकाली थी, जिसके बाद हिंसक भीड़ ने पहाड़ों में बसे मैतेई लोगों पर हमला बोल दिया. इस हिंसा में दर्जनों घर जला दिए गए और कई लोगों को मार दिया गया. इससे भड़के मैतेई समुदाय के लोगों ने बदले में कुकी समुदाय के लोगों पर हमले करने शुरू किए. हालांकि अब मणिपुर में हालात धीरे-धीरे शांत होते जा रहे हैं. राज्य में हालात संभालने के लिए केंद्र सरकार ने अलग-अलग जिलों में 60 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर रखा है.