गणेशचतुर्थी : जानिए कैसे करे श्री गणेश जी की आराधना , क्या है शुभ मुहूर्त

गणेशचतुर्थी : जानिए कैसे करे श्री गणेश जी की आराधना , क्या है शुभ मुहूर्त

somdewangan

गणेश चतुर्थी का त्योहार 22 अगस्त यानि आज मनाया जाएगा | 10 दिन चलने वाले इस त्योहार पर गणपति की स्थापना और उनकी पूजा-पाठ का विशेष महत्व है, यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है | मान्यता है कि भाद्रपद की चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था | गणेश जी को विध्नहर्ता कहा गया है, इनकी पूजा से कई बाधाएं दूर हो जाती हैं | साल भर के इंतजार के बाद एक बार फिर से गणपति बप्‍पा घर-घर पधारने वाले हैं, इस पर्व की सबसे ज्‍यादा धूम महाराष्‍ट्र में देखने को मिलती है | इस बार कोरोना वायरस के कारण गणेशोत्सव का रंग फीका पड़ जाएगा,  आइये जाने कैसे करे गणेश जी की पूजा की विधि और किस मुहूर्त पर कर सकते है |

पूजा की विधि

स्नान करने के बाद ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प लें, इसके बाद दोपहर के समय गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें | फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें| भगवान गणेश को पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और दूर्वा (घास) चढ़ाए | इसके बाद गणपति को मोदक लड्डू चढ़ाएं, मंत्रोच्चार से उनका पूजन करें| गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें, गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें| गणेश जी को चावल, सिंदूर, केसर, हल्दी, चन्दन, मौली और लौंग जरूर चढ़ाएं | पूजा में दूर्वा का काफी महत्व है, मान्यता है कि इसके बिना गणेश पूजा पूरी नहीं होती है| गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं, गणेश जी के पास पांच लड्डू रखकर बाकी बांट देने चाहिए |

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 10 दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं | कहा जाता है कि गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता |

गणेश मंत्र

पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें और प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें.

– ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें.

– ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा

– ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।

– गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:

– ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश

– ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक

दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक

रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक

चतुर्थी तिथि आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 02 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त 22 अगस्त की रात 7 बजकर 56 मिनट तक

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