
Chandrayaan-3 को अपनी यात्रा में आज एक बड़ी सफलता तब मिली, जब प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर विक्रम हो गया. इसके साथ ही अब लैंडिग की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. बता दें कि लैंडर मॉड्यूल विक्रम में ही रोवर भी मौजूद है, जो चंद्रमा की सतह पर चलकर सभी शोधकार्य करेगा. बताया जा रहा है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल आज यानी गुरुवार 17 अगस्त को दोपहर 1.15 अलग हुआ.
ISRO ने इस संबंध में जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें लैंडर मॉड्यूल विक्रम, अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल को इस यात्रा पर लेकर आने के लिए धन्यवाद कर रहा है. इसके साथ ही ISRO ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है.
यही नहीं इसरो ने यह भी बताया कि कल यानी शुक्रवार शाम करीब 4 बजे लैंडर मॉड्यूल जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान मौजूद हैं को चंद्रमा के ऑर्बिट में और नीचे पहुंचाया जाएगा. इस गतिविधि से Chandrayaan-3 चंद्रमा के कुछ और करीब पहुंच जाएगा और यह वह ऑर्बिट है, जहां से लैंडर को 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करवाया जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 17, 2023
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).
LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
अब आगे की टाइमलाइन क्या है?
प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर विक्रम अलग तो हो गया, अब आगे की राह क्या होगी, यही प्रश्न आपका भी होगा. चलिए इसके बारे में जानते हैं. कल यानी शुक्रवार 18 अगस्त को लैंडर विक्रम (चंद्रयान-3)(Chandrayaan-3) को आखिरी बार ऑर्बिट में एडजस्ट किया जाएगा और इस तरह से यह चंद्रमा के और करीब पहुंचते हुए 100×30 किमी लूनर ऑर्बिट में दस्तक देगा.
अब आगे की यात्रा लैंडर विक्रम और उसके अंदर मौजूद रोवर प्रज्ञान को ही करनी है. जबकि चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में उसकी परिक्रमा करता रहेगा. आगामी 23 अगस्त को लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह से 30 किमी की ऊंचाई से उसके दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई जाएगी. इस लैंडिंग की कार्यवाही बुधवार 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे शुरू होगी.
यह लैंडिंग सफल रहती है तो इसरो और भारत इतिहास रच देंगे. इसके बाद 1 लूनर डे यानी धरती के 14 दिन तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चंद्रमा(Moon) की सतह पर अपना शोधकार्य करेंगे.
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