पांच साल पहले लापता हुई 23 साल की आदिवासी लड़की आधार कार्ड डेटाबेस की मदद से झारखंड में अपने परिवार से मिल गई है. झारखंड के एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी रश्मणि को 2017 में एक एजेंट ने दिल्ली में नौकरी देने का वादा किया था. चूंकि उसका परिवार जबरदस्त आर्थिक दबाव में था, वे सहमत हो गए.
हालांकि एजेंट के साथ ट्रेन में चढ़ने के बाद रश्मणि को शक हुआ और वह फतेहपुर स्टेशन पर फरार हो गई. उसे रेलवे पुलिस ने बचाया और एक आश्रय गृह में रखा गया, जहां उसका नाम राशी रखा गया. जब उसके मूल स्थान पर जाने के कई प्रयास विफल रहे, तो पुलिस ने उसे इलाहाबाद के महिला आश्रय गृह भेज दिया.
लखनऊ में महिला आश्रय गृह की अधीक्षक आरती सिंह ने कहा, ‘जुलाई में, उसे पुनर्वास के लिए लखनऊ लाया गया था. हमने उसके आधार कार्ड के लिए आवेदन किया था और इसे अस्वीकार कर दिया गया था. छठे प्रयास में, इसने दोहराव दिखाया. इसके बाद मूल पता पता लगाया गया था.’ आखिर में, रश्मणी को झारखंड ले जाया गया और उसके परिवार के साथ फिर से मिला दिया गया